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बालासन जिसे अंग्रेजी मे चाइल्ड पोज के नाम से भी जाना जाता है, यह एक विश्राम मुद्रा है जो मन को शांत, तनाव से राहत और कूल्हों, जांघों, पैरों मे खिचाव पैदा करता है । इसके अभ्यास के दौरान, अपनी श्वास पर ध्यान बनाए रखना सुनिश्चित करें। हम अक्सर अपने श्वास पर ध्यान केंद्रित करना भूल जाते हैं, पूरे अभ्यास में पूरी श्वास लेते हैं।

बालासन क्या है

इस आसन का नाम संस्कृत के शब्द "बाल" से लिया गया है जिसका अर्थ है बच्चा और "आसन" जिसका अर्थ है मुद्रा । यह आसन भ्रूण की स्थिति जैसा दिखता है। यह एक आराम करने वाली मुद्रा है जो पीठ के दर्द को कम करने में भी मदद करती है ।

बालासन कैसे करे

बालासन योगासन - Balasana Yoga
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किसी भी अन्य योग आसन की तरह, यह भी भोजन के कम से कम चार से छह घंटे बाद किया जाना चाहिए।
  • वज्रासन मे बैठ जाये अपनी रीढ़ को सीधा रखे 
  • साँस लेते हुए अपने दोनों हाथो को ऊपर ले जाये ।
  • साँस छोड़ते हुए अपनी कमर के ऊपरी भाग को आगे झुके साथ ही दोनों हाथो को भी ।
  • हाथो को सीधा रखे, और सिर को जमीन पर लगये ।
  • 30 सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक मुद्रा मे रहे ।
  • फिर वापिस वज्रासन मुद्रा मे आए ।

बालासन के फायदे

  • यह छाती, पीठ और कंधों के दर्द से राहत दिलाता है ।
  • तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है ।
  • रीढ़ को लंबा करने में मदद करता है ।
  • पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देता है ।
  • धूम्रपान की लत को छोड़ने मे सहायता करता है ।
  • इसका अभियास करने से चेहरे पर निखार आता है ।

सावधानियां

यदि आपको निम्न में से कोई भी समस्या हो तो आप चिकित्सक से सलाह ले ।
  • अगर सिर को फर्श पर रखना मुश्किल या असहज लगता है, तो आप आराम के लिए तकिया का उपयोग कर सकते हैं।
  • यदि दस्त या टखने की समस्याएं से पीड़ित हैं तो इस आसन को करने से बचे ।
  • उच्च रक्तचाप वाले रोगियों को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए ।
  • गर्भावस्था मे इसे न करे