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क्या आप कब्ज, थकान, और मोटापे से पीड़ित हैं ? इन समस्याओं का मूल कारण आपका खराब पाचन तंत्र हो सकता है। वज्रासन एक जादुई योगिक मुद्रा है जो आपके शरीर को बेहतर पाचन और मजबूत पैरों को पाने मे मदद करगे ।

वज्रासन के आश्चर्यजनक लाभ

  • यह आसन पाचन में सुधार करता है और नियमित अभ्यास से यह कब्ज को खत्म करता है।
  • पीठ को मजबूत बनाता है और पीठ के निचले हिस्से की समस्याओं से  राहत देता है।
  • यह आसन मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है।
  • प्रसव पीड़ा को कम करने में मदद करता है और मासिक धर्म की ऐंठन को भी कम करता है।
  • वज्रासन के नियमित अभ्यास से वजन कम किया जा सकता है ।  कुछ हफ्तों अभ्यास के बाद अपने पेट की चर्बी में अंतर देखेंगे।

वज्रासन का अर्थ

यह नाम संस्कृत के शब्द "वज्र" से लिया गया है, जो की हिन्दू देवता इंद्र का शास्त्र है जिसका अर्थ "बिजली", "हीरा" होता है और "आसन" जिसका अर्थ है "योग करते समय बैठने की मुद्रा"।


वज्रासन कैसे करें

वज्रासन कैसे करें | Vajrasana Kaise Karte Hain
credit : pixabay


योग का अभ्यास खाली पेट किया जाना चाहिए, लेकिन आप भोजन के बाद भी इस आसन को सुरक्षित रूप से   कर सकते हैं। यह मुद्रा पाचन को बढ़ावा देती है।
  • घुटने के बल खड़े हो जाये ।
  • पीछे की और जाये और कूल्हों को एड़ी पर रख कर बैठ जाये ।
  • सिर को सीधा की ओर और हाथों को अपने घुटनों पर रखें।
  • अपनी आँखें बंद करें और साँस लेने और साँस छोड़ने पर ध्यान केंद्रित करें।
  • शुरुआती दिनों में 5 - 10 मिनट के लिए इस स्थिति का अभ्यास करें और धीरे-धीरे बढ़ाकर 20 - 30 मिनट तक करें।

सावधानियां

  • यह आसन बेहद सुरक्षित है। हालांकि, ये कुछ चीजें हैं जिनके बारे में आपको सतर्क रहना चाहिए जब आप इस आसन का अभ्यास करना शुरू करते हैं।
  • अगर आपको घुटने की समस्या है या हाल ही में आपके घुटनों की सर्जरी हुई है तो इस आसन से बचें ।
  • गर्भवती महिलाओं को इस आसन का अभ्यास करते समय अपने घुटनों को थोड़ा अलग रखना चाहिए ताकि पेट पर दबाव ना आये ।
  • आंतों के अल्सर, हर्निया या बड़ी या छोटी आंत से संबंधित किसी अन्य समस्या से पीड़ित लोगों को योग प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में इस मुद्रा का अभ्यास करना चाहिए।
  • रीढ़ की गंभरी समस्या से पीड़ित इसे न करे ।

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