सूत्र नेति क्रिया की विधि - Sutra Neti
सूत्र नेति योगात्मक सफाई का एक रूप है और इसके लिए एक अनुभवी शिक्षक की आवश्यकता होती है।
सूत्र नेति की विधि - Sutra Neti Karne Ka Tarika
सूत्र नेति की सूत किसी भी योगाश्रम से ली जा सकती है। प्रात:काल दातुन आदि करने के बाद पांवों पर बैठकर गर्दन ऊंची रखकर जो स्वर चल रहा हो उस नासिका में नेती को पानी में भिगोकर मोम वाले भाग को नाक के छिद्र में धीरे-धीरे डालें। जब उसका अग्र भाग गले में आ जाए तो उसे दायें हाथ की तर्जनी और मध्यमा अंगुलियों से पकड़ लें। अब नेती के दोनों सिरे दोनों हाथों में पकड़कर हाथों को अंदर-बाहर करते हुए घर्षण करें। फिर बाद में नेती को मुंह से धीरे-धीरे बाहर निकाल दें। यही क्रिया दूसरी नासिका से करें।credit : https://www.pexels.com/photo/white-rolled-paper-on-brown-hat-4614205/ |
सूत्र नेति के लाभ - Sutra Neti Karne Ke Fayde
- सूत्र नेति क्रिया कफादि को दूर कर कपाल को स्वच्छ करती है।
- नेत्र ज्योति बढ़ाती है।
- गले, नाक व कान के रोगों से रक्षा करती है और उन्हें दूर करती है।
- इससे सर्दी, जुकाम, सरदर्द, कान का बहरापन, नाक की हड्डी बढ़ना इत्यादि रोग दूर होते हैं।
- नेती से फेफड़ों में भरा कफ भी दूर हो जाता है।
सूत्र के घर्षण से नाक में जलन हो या खून निकल आये तो शुद्ध घी की कुछ बूंदें नाक कल में दोनों ओर डालें। वैसे भी रात को सोते समय घी की कुछ बूंदें प्रतिदिन नाक में डालें और उसे श्वास खींचकर अंदर ले लें। इससे विशेष लाभ होता है।
सूत्र नेति वीडियो - Sutra Neti Video
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