बकासन के फायदे - Bakasana Ke Fayde
बकासन, संतुलित करने वाले योग आसन में से एक है। इसे काकासान और अंग्रेजी भाषा में क्रेन पोज़ के नाम से भी जाना जाता है। इसे करते समय हाथों की मदद से शरीर का सारा वजन उठाया और संतुलित किया जाता है।
बकासन संस्कृत भाषा के शब्दों से मिल कर बना है "बक" का अर्थ सारस पक्षी, "काक" का अर्थ कौआ और आसन का अर्थ मुद्रा से है।
बकासन संस्कृत भाषा के शब्दों से मिल कर बना है "बक" का अर्थ सारस पक्षी, "काक" का अर्थ कौआ और आसन का अर्थ मुद्रा से है।
बकासन के लाभ | Bakasana Ke Labh
- शरीर के नियंत्रण को बढ़ाने में सुधार करता है ।
- ऊपरी पीठ को एक अच्छा खिंचाव मिलता है।
- शरीर के ऊपरी भाग, जांघें, हाथ और कलाई को मजबूत बनाता है।
- संतुलन में सुधार करता है।
- बाकसाना कूल्हे और कमर को लाचला बनता है।
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credit : https://pixabay.com/photos/bakasana-yoga-balance-on-the-arm-2795042/ |
बकासन करने की विधि | Bakasana Karne Ki Vidhi
- पैरो के बल बैठिये ।
- एक मुड़ा हुआ तौलिया, ब्लॉक या ईंट अपने पैरों के नीचे रखे ।
- हथेलियों को जमीन पर लगये, जिस की शरीर का वजन हाथो और पैरो पर आये ।
- दोनो हाथो के बाजु को पैरो के दोनों घुटनो से सटाकर जोड़े ।
- पैरो की एड़ो से होते हुए, अपने ऊपरी शरीर को आगे झुकाये ।
- जब आप मुद्रा में होते है, तो अपनी कोहनी को दोनों तरफ से बाहर न निकलने दें।
- सिर को सीधा और सामने की और देखे और संतुलन हाथो पर बने की कोशिश करे।
- अपने पैरों को जमीन पर रखें और पहले की स्थिति में वापस आ जाएं।
बकासन करते समय सावधानी | Bakasana Karte Samay Savdhani
- आपको कोई कलाई या कंधे की चोट होने पर इसे न करे ।
- यदि आप गर्भवती हैं, तो इसका अभ्यास न करे ।
- आपने सामने एक कंबल रखो ताकि गिरने पर आपका सिर पर गंभीर चोट न लगे।