-->

हनुमानासन बैठ कर किये जाये वाले आसन में से एक है। यह नाम संस्कृत शब्द हनुमान से लिया गया है जो की रामायण के प्रसिद्ध हिंदू देवता है। यह आसन हनुमान जी द्वारा भारत की भूमि से लंका द्वीपों तक पहुंचने के लिए की गई विशाल छलांग की याद दिलाता है।

हनुमानासन कैसे करे

हनुमानासन योगासन बैठ कर की जाने वाले आसन में से एक है। योगासन को घुटने टेकने की स्थिति से शुरू किया जाता है, फिर जिस में एक पैर आगे और दूसरा सीधे पीछे की तरफ होता है । हाथों को प्रार्थना की स्थिति (अंजलि मुद्रा) में सिर के ऊपर रखा जाता है । पूर्ण मुद्रा तक पहुंचने के लिए, प्रत्येक दिन कई अभ्यास करना होता है।

हनुमानासन - Hanumanasana in Hindi
credit : https://pixahive.com/photo/hanumanasana-challenge-pose/

हनुमानासन की विधि

  • फर्श पर घुटने टेकें से शुरुवात करे।  
  • अपने दाहिने पैर को अपने बाएं घुटने के सामने लगभग एक फुट आगे बढ़ाएं, और अपनी दाहिनी जांघ को बाहर की ओर घुमाएं।
  • सांस छोड़ें और अपने धड़ को आगे की ओर झुकाएं । धीरे-धीरे अपने बाएं घुटने को पीछे की ओर खिसकाएं, घुटने को सीधा करें और साथ ही साथ दाहिनी जांघ को फर्श की ओर ले जाएं।
  • अब दाहिनी एड़ी को अपने धड़ से दूर धकेलना शुरू करें। धीरे-धीरे पैर को अंदर की ओर मोड़ें । जैसे ही सामने का पैर सीधा होता है, बाएं घुटने को पीछे की ओर दबाते हुए फिर से शुरू करें। ध्यान से बाईं जांघ के सामने और दाहिने पैर के पिछले हिस्से को फर्श पर नीचे रखे। 
  • हाथों को अंजलि मुद्रा में लाएं या बाजुओं को सीधे छत की ओर फैलाएं।  इस मुद्रा में 30 सेकंड से एक मिनट तक रहें।

हनुमानासन के फायदे

  • हनुमानासन कमर क्षेत्र, हैमस्ट्रिंग, जांघ की मांसपेशियों को फैलाता और मजबूत करता है। 
  • यह पाचन और प्रजनन अंगों को उत्तेजित करता है।  
  • अगर रोजाना अभ्यास करें तो कूल्हों को लचीला बनाता है।  
  • पीठ की मांसपेशियों को भी स्ट्रेच करता है।
  • तनाव को दूर करने में मदद करता है।