दण्डासन - Dandasana in hindi
दंडासन बैठ कर किये जाने वाले सरल योगासन में से एक है। जिसमें पैर सीधे शरीर के सामने और रीढ़ सीधी होती है।
यह एक योगासन है जिसे धारण करने के लिए बहुत अधिक जागरूकता और उपस्थिति की आवश्यकता होती है। यह शरीर और मन को अन्य आसनों के लिए भी तैयार करता है। दंडासन अष्टांग योग की प्राथमिक श्रृंखला में पहली योगासन है और अन्य सभी आसनों का प्रारंभ करने के लिए उपयोग किये जाता है।
दण्डासन का अर्थ | Dandasana ka arth
यह नाम संस्कृत के शब्द "दण्ड" से लिए गए है जिसका अर्थ है "छड़ी" से है और आसन जिसका अर्थ योग मुद्रा है ।
दण्डासन की विधि | Dandasana kaise kare
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- अपने पैरों को सीधे अपने सामने रख कर बैठें।
- आपकी जांघें सपाट होनी चाहिए और फर्श को छूना चाहिए, अब अपनी हथेलियों को फर्श पर दोनों तरफ रखें।
- अपनी रीढ़ या सिर को न मोड़ें और सीधे देखें, अपने पैरों की उंगलियों को अंदर की ओर मोड़ने की कोशिश करें।
- गहरी सांस लें और इस स्थिति में 20 से 30 सेकेंड तक रहें।
दंडासन करने के फायदे | Dandasana benefits in hindi
- रीढ़ को लंबा, पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है
- प्रजनन अंगों से संबंधित समस्या को दूर करने में मदद करता है।
- मस्तिष्क को शांत करने में मदद करता है।
- पाचन अंगों की कार्यक्षमता में सुधार करता है।
- शरीर की संरेखण में सुधार करने में मदद करता है।
- दंडासन आपको सही तरीके से आगे की ओर झुकना सिखाता है।
- यह बच्चों के लिए खेल में उनकी एकाग्रता और प्रदर्शन में सुधार के लिए एक बेहतरीन योग मुद्रा है।
- यह आसन सांस की तकलीफ और अस्थमा को ठीक करने के लिए जाना जाता है।
- कब्ज, गैस, पेट फूलना आदि को रोकने में मदद करता है।
- कंधों की जकड़न और दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है।
- मोटापा, हृदय की समस्याओं आदि को रोकने में मदद करता है।
- जब प्राणायाम के साथ अभ्यास किया जाता है, तो यह आसन आपके मन को शांत करने और तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है।
एहतियात | Precautions
अगर आपकी कलाई या पीठ में चोट है तो इसका अभ्यास न करे । यदि योगासन करते दौरान दर्द महसूस हो, तो इसे करना बंद कर दे।