गोंद कतीरा खाने के फायदे और नुकसान
गोंद कतीरा, अंग्रेजी में Tragacanth Gum के नाम से भी जाना जाता है। एक प्राकृतिक गोंद है जो की लोकोवीड पौधे के रस से प्राप्त किया जाता है। यह एक ठोस सफेद क्रिस्टलीय रूप में बढ़ता है और पानी में घुलने पर नरम और चिपचिपा हो जाता है। गोंद कतीरा के कई लाभ हैं चलिए इसके लाभों के बारे में पड़ते है। गोंद कतीरा कैल्शियम, मैग्नीशियम से भरपूर होता है और इसमें एल्कलॉइड के साथ लगभग 3% प्रोटीन होता है। गोंद कतीरा खाने के फायदे हिंदी में।
गोंद कतीरा खाने के फायदे
- गोंद कतीरा की तासीर ठिंडी होती है और इसे अक्सर गर्मियों में शर्बत, पेय जल बनने के लिए किया जाता है। यह शरीर के तापमान को काम करता है। गर्मियों में हीट स्ट्रोक और बच्चों में अक्सर होने वाले नकसीर में बहुत ही उपयोगी है।
- इसका सेवन बच्चे की डिलीवरी के बाद की कमजोरी और पीरियड्स में काफी मददगार है।
- हड्डियों को मजबूत, विकसित करने और पीठ दर्द को रोकने में मदद करता है।
- मूत्र संबंधित विकारो और दस्त में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
- पुरुषों में कमजोरी और सेक्स की समस्या को दूर करता है।
- यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
- गोंद कतीरा में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जिसे पेट के स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- गोंद कतीरा में एंटी-एजिंग और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो फाइन लाइन्स और झुर्रियों पर काम करते हैं। गोंद कतीरा पिंपल्स के लिए फायदे में घाव भरना और स्पॉट कम करता है।
- कैल्शियम और प्रोटीन होने के कारण बालों के झड़ने को कम और मजबूत करता है।
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गोंद कतीरा खाने के नुकसान
स्वास्थ्य लाभ होने के साथ, इसके कई दुष्प्रभाव भी हैं। हालांकि इस का उपयोग करना सुरक्षित माना जाता है, लेकिन इस के सेवन से कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
गोंद कतीरा को पर्याप्त पानी के साथ न लेने पर आपकी आंतों में रुकावट पैदा हो सकती है। इसलिए जब भी आप किसी भी रूप में गोंद कतीरा खाते हैं तो अपने पानी का सेवन बढ़ाने की कोशिश करें।
अगर आपको इस पौधे से एलर्जी है तो इसके इस्तेमाल से बचना ही बेहतर है।
गोंद कतीरा की तासीर
इसकी तासीर ठिंडी होती है इसलिए से गर्मियों में ले।
गोंद कतीरा कैसे खाएं ?
इसे रात को भिगो कर रख दे और सुबह निम्बू पानी या जल जीरे के साथ ले।
गोंद कतीरा की पहचान
गोंद कतीरा का पेड़ ठिंडे और पहड़ी इलाको में पाया जाता है। और इसके छाल और टहनियों कटे से तरल पर्दाथ मिलता है।