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उत्तानासन योगासन का अर्थ

इसका नाम संस्कृत शब्द "उत्तान" से लिया है, जिसका अर्थ है "तीव्र खिंचाव" और आसन, जिसका अर्थ है  "मुद्रा"। यह तनाव से मुक्त करने और नर्वस सिस्टम के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। यह सूर्य नमस्कार अनुक्रमों का हिस्सा है। यह न केवल उपचार करता है बल्कि आपके शरीर को फिर से जीवंत करता है।इस आसन में आपका सिर से नीचे की ओर जाता, सिर में रक्त परिसंचरण होता है।

उत्तानासन करने से पहले रखें इन बातों का ध्यान रखे । 

इस आसन का अभ्यास करने से पहले आपको अपने पेट और आंतों को खाली होने चाहिए । आसन करने से पहले कम से कम चार से छह घंटे पहले अपना भोजन कर लें ताकि आपका भोजन पच जाए और अभ्यास के दौरान करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा हो।

उत्तानासन की विधि

उत्तानासन की विधि | Uttanasana Kaise Kare
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  • ताड़ासन में खड़े हो जाये और गहरी साँस ले ।
  • साँस छोड़ते हुए आगे झुके और अपने पैरो को छुहे ।
  • अपने टखनो को छुहे या अपने हाथलियॉ को जमीन पर रखे ।
  • साधार तरीक़े से साँस ले अपने सिर को घुटने के पास जितना सभव हो ले जाये ।
  • 20 सेकण्ड्स के लिए इससे मुद्रा मे रहे ।
  • फिर ताड़ासन में खड़े हो जाये।

उत्तानासन करने के फायदे

  • मस्तिष्क को शांत और तनाव को दूर करने में मदद करता है।
  • जिगर और गुर्दे को उत्तेजित करता है।
  • इसका अभ्यास करने से  जांघों और घुटनों को मजबूत बनते  है।
  • पाचन में सुधार होता है।
  • थकान और चिंता को कम करता है।
  • सिरदर्द और अनिद्रा से राहत मिलती  है।

उत्तानासन में सावधानियां

  • यदि आपको निम्नलिखित समस्याएं हैं तो इस आसन से बचें।
  • पीठ के निचले हिस्से में चोट होने पर इसे न करे ।
  • अपने घुटनों को मोड़ते हुए भी इस आसन को करें सकते है ।
  • गर्भवती इसे ने करे