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सूर्य नमस्कार या सूर्य अभिवादन 12 शक्तिशाली योग आसन का एक अनुक्रम है। एक कसरत होने के अलावा, सूर्य नमस्कार को शरीर और दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए भी जाना जाता है।

सूर्य नमस्कार कैसे करे

सूर्य नमस्कार खाली पेट सुबह किया जाता है। सूर्य नमस्कार के प्रत्येक दौर में दो सेट होते हैं, और प्रत्येक सेट 12 योग आसान से बना होता है। सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने के तरीके पर आपको कई संस्करण मिल सकते हैं।

सूर्य नमस्कार मंत्र | Surya Namaskar Mantras

सूर्य नमस्कार प्रार्थना करते समय आप सूर्य मंत्र का उच्चारण भी कर सकते है ।

सूर्य नमस्कार मंत्र | Surya Namaskar Mantras
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सूर्य नमस्कार के 12 नाम

  1. प्रणामासन 
  2. हस्तोत्तानासन 
  3. हस्तपादासन 
  4. अश्व संचलनसान
  5. दण्डासन
  6. अष्टांग नमस्कार 
  7. भुजंगासना 
  8. अधोमुखस्वानासन 
  9. अश्व  संचलनसान
  10. हस्तपादासन 
  11. हस्तोत्तानासन 
  12. ताड़ासन 

सूर्य नमस्कार की विधि

सूर्य नमस्कार कैसे करे  Surya Namaskar Kaise Kare
credit : wikipedia

प्रणामासन

  • चटाई पर खड़े हो जाये, अपने पैरों को एक साथ रखें और अपने वजन को दोनों पैरों पर संतुलित करें।
  • अपनी छाती का फैलाए और अपने कंधों को आराम दे ।
  • जैसे ही आप सांस अंदर ले दोनों तरफ से हाथ को उठाओ, और जैसे ही आप सांस निकलते है। छाती के सामने अपने हथेलियों को लाएं।

हस्तोत्तानासन

बाइसेप्स को कानों के नजदीक रखते हुए हाथो को पहले ऊपर और फिर पीछे की तरफ उठे । इस मुद्रा में, पूरे शरीर को पैर की एड़ी से ले कर हाथो की उंगलियों तक खिंचान होता है।

हस्तपादासन

साँस बाहर छोड़्ते हुए आगे की तरफ झुके और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखे । जैसे ही आप पूरी साँस बाहर निकलते हैं, हाथों को पैरों के बगल पर लाएं। हथेलियों को फर्श पर लाने के लिए यदि आवश्यक हो तो घुटनों को झुका सकते हैं।

अश्व संचलनसाना

सांस ले, जितना संभव हो सके अपने दाहिने पैर को पीछे की ओर ले जाये । दाहिने घुटने को फर्श पर रखे और ऊपर की ओर देखे।

दण्डासना

जैसे ही आप सांस लेते हैं, बाएं पैर को वापस ले जाएं और पूरे शरीर को सीधी रेखा में लाएं।

अष्टांग नमस्कार

  • धीरे-धीरे अपने घुटनों को नीचे फर्श पर ले जाएं और साँस छोड़े । 
  • कूल्हों को थोड़ा पीछे ले जाएं, आगे स्लाइड करें अपनी छाती और ठोड़ी को फर्श पर रखे । 
  • अपने कूल्हों को थोड़ा सा ऊपर उठे।
  • दोनों हाथ, दोनों पाँव, दोनों घुटनों, छाती और ठोड़ी (शरीर के आठ हिस्सों) को फर्श को छूनऐ चाहिए।

भुजंगासना

आगे स्लाइड करें और छाती को साँप की मुद्रा मे बनाये। जैसे ही श्वास लेते हैं, सीने को आगे बढ़ाने का प्रयास करें।  जितना संभव हो सके कोहनी को मोड़े ओर रीढ़ की हड्डी को पीछे की ओर ले जाने की कोशिश करें ।

अधोमुखस्वानासन

शरीर को उलटा 'V' मुद्रा में लाने के लिए कूल्हों को ऊपर उठऐ ।

अश्व  संचलनसाना

सांस ले, दोनों हाथों के बीच दाहिने पैर को आगे लाएं। बाएं घुटने फर्श पर रखे । कूल्हों को नीचे दबाएं और ऊपर की ओर देखे।

हस्तपादासन

साँस छोड़ और बाएं पैर आगे लाये । हाथो को फर्श पर रखें। यदि आवश्यक हो तो आप घुटनों को झुका सकते हैं। घुटनों को धीरे-धीरे सीधा करें।

हस्तोत्तानासन

साँस ले ओर रीढ़ की हड्डी को पीछे ले जाये और हाथों को ऊपर उठाएं ।

ताड़ासन

जैसे ही आप साँस छोड़ऐ, पहले शरीर को सीधा करें, फिर बाहों को नीचे लाएं। इस स्थिति में रहे

यह सूर्य नमस्कार का एक सेट है, चरणों को दोहराकर करें।

सूर्य नमस्कार के फायदे

  • इसका नियामत अभ्यास करने से नर्वस सिस्टम से काम करता है ।
  • मांसपेशियों लाचीला और टोन में रहती है ।
  • वजन घटाने में मदद करता है ।
  • इसे करने से दिमाग को शांति मिलती है  ।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है ।
  • शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है ।
स्वामी सत्यानंद सरस्वती योग गुरु द्वारा लिखत पुस्तक सूर्य नमस्कार : सूर्ये से शक्ति प्राप्त करने की विधि अवश्य पढ़े।