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योग, शरीर और दिमाग को आराम देने के अलावा और भी बहुत कुछ कर सकता है - खासकर यदि आप डायबिटीज (मधुमेह) के साथ जी रहे हैं। कुछ आसन रक्तचाप और शुगर के स्तर को कम करने में भी मदद करते है, साथ ही परिसंचरण में सुधार लाते है।

नियमित अभ्यास डायबिटीज की अन्य जटिलताओं, जैसे हृदय रोग के जोखिम को भी कम करने में भी मदद करता है।

यह जानने के लिए पढ़ते रहें कि कैसे ये सरल योगासन आपके जीवन में सुधार करते और महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकते हैं।

डायबिटीज के लिए योग - yoga for diabetes in hindi

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डायबिटीज रोगियों के लिए योग

पश्चिमोत्तानासन

इस आसान को अंग्रेजी भाषा में सीटेड फॉरवर्ड बेंड के रूप में भी जाना जाता है। इसे करने के लिए बैठे। घुटने थोड़े मुड़े और पैरों को सामने रखे। बाहों को ऊपर उठाएं और अपनी रीढ़ को सीधा रखें। साँस छोड़ें और कूल्हे पर आगे झुकें, अपने ऊपरी शरीर को अपने निचले शरीर पर रखें। अपने बड़े पैर की उंगलियों पकड़ने की कोशिश करें।

अधो मुख शवासन

डाउनवर्ड डॉग के रूप में भी जाना जाता है, इसे करने के लिए आपको आगे झुक कर शरीर के ऊपरी भाग को दोनों हाथो पर डालना होगा। जो की शरीर को उल्टे 'वी' के आकार में देखगे। इस समय नजर अपने बड़े पैर की उंगलियों पर केंद्रित रखें।

बलासन

इसे चाइल्ड पोज के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन को करने के लिए चटाई पर घुटनों के बल बैठ जाएं और एड़ियों पर बैठ जाएं। सांस भरते हुए हाथों को सिर के ऊपर उठाएं, सांस छोड़ें और शरीर के ऊपरी हिस्से को आगे की ओर झुकाएं। अपने माथे को फर्श पर रखें  सुनिश्चित करें कि आपकी पीठ कूबड़ नहीं होने चाहिए।

शवासन

पीठ के बल लेट जाएं । पूरे शरीर को आराम देने पर ध्यान दें, नाक से सांस लें और मुंह से सांस छोड़ें।

डायबिटीज क्या है ?

मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो तब होती है जब आपके ब्लड ग्लूकोज, जिसे ब्लड शुगर भी कहा जाता, बहुत अधिक हो जाती है। ब्लड ग्लूकोज शरीर के ऊर्जा का मुख्य स्रोत होता है जो की भोजन से मिलता है। 

डायबिटीज क्यों होता है ?

इंसुलिन, पैंक्रियास द्वारा बनाये जाने वाला एक हार्मोन होता है जो की भोजन से ग्लूकोज को ब्लड सेल्स तक भेजने में मदद करता है। कभी-कभी शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है या इंसुलिन का सही तरह से उपयोग नहीं करता है। जिसे ग्लूकोज रक्त में रहता है और आपकी सेल्स तक नहीं पहुंचता है।

नार्मल शुगर कितनी होनी चाहिए ?

140 mg/dL (7.8 mmol/L) से कम ब्लड शुगर का स्तर सामान्य होता है। दो घंटे के बाद 200 mg/dL (11.1 mmol/L) से अधिक हो न मधुमेह का संकेत होता है। 140 और 199 mg/dL (7.8 mmol/L और 11.0 mmol/L) के बीच की रीडिंग प्रीडायबिटीज हो सकता है।

शुगर कंट्रोल करने के घरेलू उपाय

  • नियमित व्यायाम सामान्य वजन को बाएँ रखने और इंसुलिन को बढ़ाने में मदद कर है।
  • शरीर खाए जाने वाले कार्ब्स को ग्लूकोज में तोड़ देता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाता है। कार्ब को कम करने से ब्लड शुगर को सामान्य रखने में मदद मिलती है।
  • भरपूर मात्रा में फाइबर खाने से ब्लड शुगर प्रबंधन में मदद मिलती है।
  • पर्याप्त पानी पीने से ब्लड शुगर के स्तर को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
  • व्यायाम या योग के माध्यम से तनाव के स्तर को प्रबंधित करने से ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • अच्छी नींद आपके शुगर के स्तर को बनाए रखने में मदद करती है। दूसरी ओर, खराब नींद महत्वपूर्ण हार्मोन को बाधित कर सकती है।

डायबिटीज के प्रकार

डायबिटीज के दो मुख्य प्रकार होते है। आये जानते है इन दोनो होने के करण।
  • टाइप 1 डायबिटीज - तब होता है जब प्रतिरक्षा प्रणाली, संक्रमण से लड़ने के लिए इंसुलिन नष्ट कर देती है।
  • टाइप 2 डायबिटीज - मधुमेह का सबसे आम रूप - इसके होने के बहुत कारण होता है, जिसमें जीवनशैली और जीन शामिल हैं।

डायबिटीज होने के कारण

  • यह रोग परिवारों में चलता है और दूसरी पीढ़ी को होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • टाइप 2 डायबिटीज आमतौर पर इंसुलिन प्रतिरोध से शुरू होता है, एक ऐसी स्थिति जिसमें मांसपेशी, यकृत और वसा कोशिकाएं इंसुलिन का अच्छी तरह से उपयोग नहीं करती हैं।
  • अधिक वजन और मोटापा।

डायबिटीज के लक्षण

डायबिटीज के लक्षणों में शामिल हैं
  • प्यास और पेशाब में वृद्धि
  • भूख बहुत लगती है 
  • थकान होती है 
  • धुंधला देखना 
  • पैरों या हाथों में झुनझुनी
  • इस रोग में घाव ठीक नहीं होते
  • वजन तेजी से घटाने लगता है 
टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण कुछ ही हफ्तों में दिखने लगते हैं। टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण अक्सर धीरे-धीरे विकसित होते हैं - कई वर्षों के दौरान - और इतने हल्के हो सकते हैं कि उन्हें नोटिस भी नहीं कर सकते। 

टाइप 2 डायबिटीज वाले कई लोगों में कोई लक्षण नहीं होते हैं। कुछ लोगों को तब तक पता नहीं चलता जब तक उन्हें डायबिटीज से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं नहीं होती हैं, जैसे धुंधली दृष्टि या दिल की परेशानी।