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स्वामी रामदेव को बाबा रामदेव के रूप में भी जाना जाता है। वह भारतीय योग गुरु और मुख्य रूप से भारत में योग और आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाने के लिए जाना जाता है। रामदेव वर्ष 2002 से विभिन्न टीवी चैनलों पर योग कक्षाओं का प्रसारण करते हुए बड़े योग शिविरों का आयोजन और संचालन करते रहे हैं। उन्होंने अपने सहयोगी बालकृष्ण के साथ पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की सह-स्थापना की।

रामदेव बाबा का योग - Ramdev baba ke yoga

आईये पढ़ते है बाबा रामदेव के 12 सरल योगासन हिंदी में

1. मंडूकासन - वज्रासन में बैठे, दोनों हाथो को पेट की नाभि पर रखे और फिर मुठी बनकर जोड़ ले। अब धीर पेट के ऊपर भाग को आगे की ओर झुकाये।
2. शशांकासन - वज्रासन में बैठे, दोनों हाथो को ऊपर की और लेकर जाये और थोड़ा पीछे की और पीठ को मुड़े। अब धीरे धीरे दोनों हाथो के साथ शरीर के ऊपरी भाग को आगे की और लेकर जाये। यह कुछ कुछ बलासन जैसे देखता है ।
3. वक्रासन - दोनों पैरो को सीधे सामने की ओर रख कर बैठे। दानिये पैर को मोड़ें ओर बयां को सीधा रखे। शरीर के ऊपरी भाग को दाहिनी ओर मोड़ें और बयां हाथ को बयां पैर घुटने पर रखे। 
4. गोमुखासन - चौकड़ी मार कर बैठे। अब बयां पैर मोड़ो और दूसरे पैर पर रख दो। दाहिने हाथो को ऊपर की ओर ले कर जाये और बयां हाथ को पीठ के पीछे ले कर दोनों हाथो को जोड़े। 
5. मकरासन - पेट के बल लेट जाये अब सिर को दोनों हाथो को रख दे। यह देखने में ऐसा लगता है आप अपने बिस्तर पर टीवी देख रहें हो।  
6. भुजंगासन -  पेट के बल लेट जाये और दोनों हाथो के तले हो जमीन पर लगये। अब हाथो की मदद से शरीर के ऊपरी भाग को ऊपर की ओर ले कर जाये। 
7. शलभासन - पेट के बल लेट जाये और दोनों पारो को जोड़े। अब दोनों हाथो को पीठ के पीछे ले जा कर जोड़े। धीरे धीरे हाथो को ऊपर की ओर ले जाये साथ ही साथ दोनों पारो को भी।     
8. मर्कटासन - सीधे लेट जाये और दोनो पारो को मोड़ें। हाथो को T शेप में रखे अब पारो को दाहिने और मोड़ें और सिर को बाएं ओर। अब यह पक्रिया दूसरी ओर करे।
9. पवनमुक्तासन - पीठ के बल लेट जाये। दोनों पारो को मोड़ें और ऊपर की ओर ले जाये दोनों हाथो से पारो को पकड़े इस दौरान सिर को आगे घुटे की और ले कर जाये ।
10. अर्ध  हलासनपीठ के बल लेट जाएं । अब धीरे-धीरे अपने पांवों को मोड़े और 30 डिग्री पर, फिर 60 डिग्री पर और उसके बाद 90 डिग्री पर उठाएं।
11. पादवृतासन - पीठ के बल लेट जाएं। दाहिने पैर को ऊपर की उठे और गोल गोल घुमए पहले दक्षिणावर्त फिर वामा व्रत। अब यह बाएं पैर के साथ करे। आप दोनों पारो के साथ भी कर सकते है। 
12. शवासन - पेट के बल लेट जाये और दोनों हाथो और पारो को विश्राम मुद्रा में रखे। कुछ देर इसे मुद्रा में रहे।

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